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मेरठ: आस्था हत्याकांड में चौंकाने वाला मोड़, पिता भी बना साजिशकर्ता

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में 17 वर्षीय छात्रा आस्था उर्फ तनिष्का की निर्मम हत्या का मामला जितना उजागर हो रहा है, उतना ही रोंगटे खड़ा करने वाला और भयावह बनता जा रहा है। अब इस मामले में पुलिस ने सीआरपीएफ जवान पिता रमेश को भी साजिशकर्ता घोषित कर दिया है। मां द्वारा बेटी की हत्या के बाद पति को फोन किया गया, लेकिन उसने पुलिस को सूचना देने की बजाय शव ठिकाने लगाने की योजना बनाई।


🔴 घटना का क्रम: एक नजर में

  • इंस्टाग्राम पर दोस्ती: आस्था की इंस्टाग्राम पर एक किशोर से दोस्ती हुई थी। दोनों मिलते और फोन पर बात करते थे।
  • मां ने की गला दबाकर हत्या: बुधवार को मां राकेश देवी ने बेटी को आपत्तिजनक बातें करते पकड़ लिया और गुस्से में गला दबाकर मार डाला।
  • फिर कॉल किया पति को: हत्या के बाद राकेश देवी ने छत्तीसगढ़ में तैनात पति रमेश को फोन कर जानकारी दी।
  • रात में आया पूरा परिवार: रात में मामा कमल सिंह, समर सिंह, मंजीत (ममेरा भाई) और गौरव (मौसेरा भाई) पहुंचे। शव को कार में डालकर जंगल ले गए।
  • दरांती से सिर काटा: जंगल में दरांती से आस्था का सिर काटा, धड़ को बहादरपुर रजबहे में और सिर को जानी गंगनहर में फेंक दिया गया।
  • परिजनों ने पहचान से किया इनकार: जब शव मिला तो परिजनों ने पहचान से इनकार कर दिया, लेकिन जेब में मिले मोबाइल नंबर से दोस्त की मदद से पहचान हुई।

⚖️ अब तक की कार्रवाई

  • मां और चार आरोपी गिरफ्तार: मां राकेश देवी, दोनों मामा, एक ममेरा और एक मौसेरा भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
  • 14 वर्षीय किशोर बाल सुधार गृह भेजा गया।
  • मुख्य आरोपी गौरव की तलाश जारी।
  • सीआरपीएफ में तैनात पिता रमेश को भी नामजद कर वांछित घोषित किया गया है।

🔍 सबूत और जांच

  • पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल दरांती और शव ले जाने वाली स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की है।
  • कटे हुए सिर की तलाश जारी है, दो टीमें गंगनहर में खोज अभियान चला रही हैं।
  • दोस्त को मुख्य गवाह बनाया गया है, परिजनों को सौंप दिया गया।

🔚 अंतिम संस्कार

  • पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को शव को परिजनों को सौंपा गया।
  • चचेरे भाई आदेश ने दी मुखाग्नि।

🗣️ SP सिटी आयुष विक्रम सिंह का बयान:

“मां ने हत्या के बाद पति को फोन किया था। रमेश ने न सिर्फ पुलिस को सूचना नहीं दी बल्कि हत्या में संलिप्त अन्य परिजनों को बुलाया और शव को ठिकाने लगाने में मदद की। उसे आरोपी बनाया गया है।”


यह घटना न सिर्फ एक किशोरी की निर्मम हत्या है, बल्कि यह एक ऐसा मामला बन चुका है जो परिवार के भीतर पनपे कट्टरपंथ, सामाजिक दबाव और पितृसत्तात्मक मानसिकता की भयावह तस्वीर पेश करता है।

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