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एके-47 के कारतूस का सौदागर कौन? वेस्ट यूपी में खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं, बड़े नेटवर्क की आशंका

मेरठ में एके-47 के 70 कारतूसों के साथ गिरफ्तार आर्मी जवान से पूछताछ के बाद वेस्ट यूपी में सुरक्षा एजेंसियां एक बड़े नेटवर्क की तलाश में जुट गई हैं। ये कारतूस केवल एके-47 में ही इस्तेमाल हो सकते हैं, जिससे खतरे की गंभीरता और बढ़ गई है। एटीएस, आईबी, एलआईयू और मिलिट्री इंटेलिजेंस सहित कई एजेंसियां इस मामले की तह तक पहुंचने में लगी हैं।

बरामद कारतूस 7.62 मिमी बोर के हैं, जिन्हें अन्य किसी भी असलहे में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों के अनुसार, ये कारतूस विशेष रूप से एके-47 के लिए होते हैं और अधिक शक्तिशाली माने जाते हैं। राहुल कुमार नामक आर्मी जवान से यह कारतूस बरामद हुए, जो जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान ऑपरेशन के दौरान चोरी करता था।

आरोपी जवान मेरठ के मोदीपुरम रैपिड-मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह ये कारतूस शास्त्रीनगर के एक युवक को बेचने वाला था, जिसकी पहचान फिलहाल गोपनीय रखी गई है।

कारतूसों पर मौजूद सीरियल नंबर और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के निशान यह स्पष्ट करते हैं कि यह सेना या अर्धसैनिक बलों के लिए बने थे। एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है कि ये कारतूस कहां से चोरी हुए और इनका क्या उपयोग होना था।

सेना पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां राहुल कुमार से फिर से रिमांड पर पूछताछ कर सकती हैं। मेरठ में सेना पुलिस के कमांडर ने भी आरोपी से पूछताछ कर बटालियन को रिपोर्ट भेजी है। वर्तमान में राहुल की तैनाती महाराष्ट्र के अहमदनगर में थी और वह छुट्टी पर घर आया हुआ था।

इस प्रकरण ने वेस्ट यूपी में असलहे और कारतूसों की अवैध सप्लाई के एक गहरे और खतरनाक नेटवर्क की आशंका को जन्म दे दिया है, जिसकी जांच अब कई स्तरों पर की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां सौदागरों का पता लगाने के लिए गुप्त तरीके से कार्रवाई कर रही हैं।

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