पूर्व सीएम हरीश रावत के ‘ब्राह्मण समर्थन’ बयान से कांग्रेस में घमासान, बोले—कुछ लोग पार्टी की समझ का डीएनए नहीं रखते

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ब्राह्मणों के समर्थन में दिए बयान के बाद घमासान मच गया है। पार्टी के भीतर कई नेताओं ने इसे कांग्रेस की मूल विचारधारा से अलग बताया, जबकि हरीश रावत ने अपने बयान का खुलकर बचाव किया और पलटवार करते हुए कहा कि “कुछ लोगों को कांग्रेस की समझ का डीएनए ही नहीं है।”
पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस में कुछ लोग ऐसे हैं जो “ट्रांसप्लांट” हैं — यानी वे दूसरी पार्टियों से आए हैं, जिनका कांग्रेस और उत्तराखंड दोनों के साथ कोई वैचारिक मेल नहीं रहा।
रावत ने तंज कसते हुए कहा,
“ये वही लोग हैं जिन्होंने कभी उत्तराखंड के लोगों पर गोली चलाई थी, अब कांग्रेस में आकर ज्ञान दे रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “सनातन, कांग्रेस और ब्राह्मण — ये तीनों एक दूसरे के पूरक हैं।” रावत के अनुसार, जब भी इन तीनों का संगम हुआ है, देश की एकता और शक्ति मजबूत हुई है।
रावत के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस जातिवाद की राजनीति नहीं करती। उन्होंने याद दिलाया कि पार्टी ने पहले भी नारायण दत्त तिवारी और विजय बहुगुणा जैसे ब्राह्मण नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया है।
हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस का ‘संगठन सृजन अभियान’ एक बड़े बदलाव की दिशा में कदम है। उन्हें उम्मीद है कि इस अभियान में ब्राह्मण समाज के युवाओं को बड़ी जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
उन्होंने कहा,
“उदारता ब्राह्मण का स्वाभाविक गुण है। यदि सकारात्मक शुरुआत कहीं से होनी है, तो वह उत्तराखंड से ही हो।”




