उत्तराखंड: भू-उपयोग परिवर्तन की तय हुई समयसीमा, अब पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन

देहरादून। उत्तराखंड में अब जमीनों के भू-उपयोग परिवर्तन (Change of Land Use – CLU) की प्रक्रिया और आसान, पारदर्शी व समयबद्ध हो गई है। राज्य के आवास विभाग ने इसके लिए नई गाइडलाइन जारी करते हुए प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। अब आवेदकों को विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और फाइलें वर्षों तक लंबित नहीं रहेंगी।
🏗️ तीन श्रेणियों में विभाजित जमीनें
नई गाइडलाइन के तहत प्रदेश की जमीनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है—
- 4000 से 10,000 वर्ग मीटर तक का भू-उपयोग परिवर्तन — प्राधिकरण स्तर पर होगा।
- 10,000 से 50,000 वर्ग मीटर तक का भू-उपयोग परिवर्तन — उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के स्तर पर स्वीकृत होगा।
- 50,000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि के मामलों में — प्राधिकरण और शासन समिति, दोनों की स्वीकृति आवश्यक होगी।
सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है, जहां आवेदन से लेकर स्वीकृति तक के 18 चरणों को डिजिटल माध्यम से पूरा किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, इससे—
- पारदर्शिता बढ़ेगी,
- समय की बचत होगी,
- और नागरिकों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की परेशानी से राहत मिलेगी।
नए नियमों के तहत सभी श्रेणियों के लिए 18 से 20 चरणों की प्रक्रिया को 6 से 12 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इससे जमीन के भू-उपयोग परिवर्तन के मामलों में वर्षों से लंबित फाइलों का निस्तारण तेज़ी से हो सकेगा।
आवास विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस ऑनलाइन व्यवस्था से “सिंगल विंडो सिस्टम” जैसी पारदर्शिता और दक्षता आएगी। अब भूमि स्वामी या निवेशक सीधे पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे और आवेदन की स्थिति रियल टाइम में देख सकेंगे।




