उत्तराखंड

कुमाऊं में अब 200 निरीक्षक रखेंगे ड्रग तस्करों पर नजर, नशे में लिप्त पुलिसकर्मी भी जाएंगे नशामुक्ति केंद्र

अल्मोड़ा। कुमाऊं में ड्रग तस्करी पर सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। अब 200 निरीक्षक और सब-इंस्पेक्टर (SI) अपने-अपने क्षेत्र में नशा तस्करों की लगातार निगरानी करेंगे। उनकी गतिविधियों की मैपिंग की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ गैंगस्टर या गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने शुक्रवार को अल्मोड़ा पुलिस लाइन के सभागार में बताया कि पुलिस ने अब तक 215 ड्रग तस्करों की पहचान कर ली है। हर थाना, कोतवाली और चौकी क्षेत्र में उस इलाके के तस्करों पर नजर रखने के लिए विशेष पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।

पुलिसकर्मियों पर भी नजर

आईजी ने माना कि “नशे से पुलिस भी अछूती नहीं है।” कई पुलिसकर्मी नियमित रूप से नशे के आदी हैं। ऐसे कर्मियों का अब उनके परिवार की अनुमति से अल्मोड़ा नशामुक्ति केंद्र में उपचार कराया जाएगा।
यह सुझाव एसएसपी अल्मोड़ा देवेंद्र पींचा की ओर से दिया गया था, जिसे आईजी ने “बेहद सराहनीय” बताया।

“मिशन संवाद” के तहत काउंसिलिंग

आईजी ने कहा कि पुलिस कर्मियों को मानसिक और कार्यस्थलीय दबाव से राहत देने के लिए “मिशन संवाद” अभियान चलाया जा रहा है।
इसके तहत आईआईटी दिल्ली के 10 काउंसलर नियमित रूप से पुलिस कर्मियों की काउंसिलिंग कर रहे हैं ताकि वे स्वस्थ मानसिक स्थिति में कार्य कर सकें।

बढ़ते साइबर अपराधों पर भी फोकस

आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए पुलिस कर्मियों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हर थाना और कोतवाली में प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती होगी, ताकि साइबर अपराध के मुख्य आरोपियों तक पहुंचने के लिए सर्कल स्तर पर विशेष टीमें गठित की जा सकें।

 

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